Dancer Poet

Writing for dance is different than writing a poem. As a poet for dance,  choosing every word which can be visualised in the language of dance is the ultimate skill. Saee brings out that poetic and visual experience to her writing.

Dashavataar

कृष्ण कान्हा हर स्वरूप भाए

बाल यौवन जो रूप हो चाहे

कभी नवनीत कभी चित्त चुराए

रक्षक रुपी गोवर्धन उठाए

राधा के संग प्रीत निभाए

गोपिंयो संग रास रचाए

वेद सार गीता समझाए

परब्रम्ह विश्वरूप समाए

- Saee Shetye

Chakra

न युं मानव जुडा इससे

परमतत्व भी लीन है

दश रूप है पद्मनाभ के

चक्र का परिमाण है

- Saee Shetye

Rasaanubhaava

तेज सम लसलसती काया

धीरोधात्त तपती ज्वाला

परशू पाश खड्ग सायक

चामुंडेश्वरी वीर रुप

धैर्य शौर्य बल पराक्रम 

चामुंडेश्वरी वीर रूप

- Saee Shetye

Buddha

जीवन क्युं दिया भगवन

प्रायश्चित्त है पूर्ण जीवन

- Saee Shetye

नवरस काव्य

सुकुमार कर द्वय पाद संवाहित

स्निग्ध नयन द्वय लक्ष्मिमुख देखत

लज्जित वह, नारायण सस्मित

एक नयन पहल शृङ्गार, दुजे नयन सफ़ल्

- Saee Shetye

नवरस काव्य

सुकुमार कर द्वय पाद संवाहित

स्निग्ध नयन द्वय लक्ष्मिमुख देखत

लज्जित वह, नारायण सस्मित

एक नयन पहल शृङ्गार, दुजे नयन सफ़ल्

- Saee Shetye

नवरस काव्य

सुकुमार कर द्वय पाद संवाहित

स्निग्ध नयन द्वय लक्ष्मिमुख देखत

लज्जित वह, नारायण सस्मित

एक नयन पहल शृङ्गार, दुजे नयन सफ़ल्

- Saee Shetye

नवरस काव्य

सुकुमार कर द्वय पाद संवाहित

स्निग्ध नयन द्वय लक्ष्मिमुख देखत

लज्जित वह, नारायण सस्मित

एक नयन पहल शृङ्गार, दुजे नयन सफ़ल्

- Saee Shetye