Dashavataar
कृष्ण कान्हा हर स्वरूप भाए
बाल यौवन जो रूप हो चाहे
कभी नवनीत कभी चित्त चुराए
रक्षक रुपी गोवर्धन उठाए
राधा के संग प्रीत निभाए
गोपिंयो संग रास रचाए
वेद सार गीता समझाए
परब्रम्ह विश्वरूप समाए
- Saee Shetye
Chakra
न युं मानव जुडा इससे
परमतत्व भी लीन है
दश रूप है पद्मनाभ के
चक्र का परिमाण है
- Saee Shetye
Rasaanubhaava
तेज सम लसलसती काया
धीरोधात्त तपती ज्वाला
परशू पाश खड्ग सायक
चामुंडेश्वरी वीर रुप
धैर्य शौर्य बल पराक्रम
चामुंडेश्वरी वीर रूप
- Saee Shetye
Buddha
जीवन क्युं दिया भगवन
प्रायश्चित्त है पूर्ण जीवन